Why US Dollar is Getting More Powerful than Any other Currency in The World

HIGHLIGHTS

1- 1947 या उससे पहले $1 अमेरिकन Dollar की कीमत आज के जैसी बिल्कुल नहीं थी
2- 1944 में Bretton Woods System में American Dollar को Exchange rate का मानक बना दिया गया
3- 1966 में currency devaluation से हमारी मुद्रा रुपया एकदम नीचे गिर गया
4- आज़ादी के समय 1 Dollar और 1 रुपया के बराबर नहीं थे
5- दुनिया मे लगभग 185 से भी ज्यादा Currencies use होती हैं
6- World-wide 85% से भी ज्यादा International Payments, Businesses और Trading Dollar में होती है 


नमस्कार दोस्तो:
अपने कभी न कभी जरूर सोचा होगा की 1947 यानी कि जब हमारा देश आजाद हुआ था तब 1 US Dollar की कीमत क्या थी? आज रुपये के मुकाबले इसकी कीमत इतना ज्यादा कैसे बढ रही है? और US Dollar को इतनी ज्यादा Wordwide attention क्यों और कैसे मिल रही है? इन सभी सवालों के जवाब जानेंगे आज की इस पोस्ट में तो चलिए आगे बढ़ते हैं:

US Dollar vs Indian Rupee in 1947:

दोस्तो आज के दिन एक US Dollar की कीमत approx 75 Indian Rupees के बराबर है but 1947 या उससे पहले ऐसा नही बिल्कुल नही था।

1- अब यहाँ पर तीन type के arguments हैं जिनमे पहला argument यह है कि उस समय कोई भी matric system ही नही था इसलिए दुनिया की सभी currencies की value same थी।

2- दूसरा Argument यह है कि 1947 तक India एक British ruled country थी इसलिए 1 Indian रुपये की कीमत 1 डॉलर से ज्यादा थी क्योंकि 1 British Pond की कीमत 1 Dollar से ज्यादा थी।
But 1947 यानी आजादी के time 1 British Pound की कीमत 13.37 Rupees हो गयी इसलिए 1 Dollar की कीमत भी 4.16 Indian Rupees हो गयी

तीसरा Argument यह है कि 2nd Warld War के बाद दुनिया की सभी economies को एक दूसरे से जोड़ने और और उन्हें Balanced Economy बनाये रखने के लिए जब 1944 में Britton Woods Agreement तैयार किया गया तब इस agreement के सभी सदस्य मिलकर ही किसी देश की Currency की value को तय कर रहे थे और दुनिया की सभी currencies के लिए डॉलर को Exchange rate का मानक तय कर दिया गया।

अब दुनिया के सभी देश इस matric system को accept कर रहे थे इसलिए आजादी के बाद इण्डिया को भी यही system follow करना था so 1947 में independence मिलने के बाद इंडिया ने भी इस Matric System को accept कर लिया और फिर India के घरेलू मामलों जैसे कि Multiple Economic Crisis, Privatization, 1966 की Currency Devaluation, चीन और पाकिस्तान से लगातार युद्ध, World  Bank से लिये गए loans और फिर 2016 वाला तूफान यानी Demonetization इन सभी के कारण continuosly Indian currency की value Dollar के मुकाबले time के साथ गिरती चली गयी।

Why Dollar is Getting More Stronger and Attention?

दोस्तो दुनिया मे लगभग 185 से भी ज्यादा Currencies हैं But इन सभी का use केवल अपने देश के अंदर ही होता है कोई भी Currency पूरी दुनिया में कितना Popular है यह उस देश की अर्थव्यवस्था और ताक़त पर Depend करता है. ज़ाहिर है डॉलर की Strength और उसकी Acceptance America की Strong Economy को दर्शाती है।

और आज के दिनों में World-wide 85% से भी ज्यादा International Payments, Business और Trading Dollars में होती है इसलिए किसी दूसरी currency की तुलना में Dollar की International Demand बहुत ज्यादा है और इसकी बढ़ती हुई international demand ही सबसे बड़ी Strength है।

So उम्मीद है दोस्तो आपको इस post में दी गयी जानकारी समझ और पसन्द आयी होगी अगर पसंद आयी हो तो इसी तरह की जानकारी से भरी पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी website को subscribe जरूर करें जिससे आपको सभी posts का notification मिलता रहे and finally thanks for visiting.

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